आकाश जैसे एयर डिफेंस सिस्टम और गरुड़ आर्टिलरी जैसी अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म भारत की तकनीकी प्रगति और आत्मनिर्भरता के प्रतीक बन चुके हैं। अब आप खुद ही सोचिए, अगर ब्राजील जैसा बड़ा देश चीन जैसे विकल्पों को पीछे छोड़कर भारत के साथ खड़ा है, तो इसके पीछे कोई ठोस वजह जरूर होगी। ब्राजील का भारत के आकाश सिस्टम और अन्य हथियारों में दिलचस्पी दिखाना साबित करता है कि अब भारत रक्षा क्षेत्र में वैश्विक महाशक्तियों को टक्कर देने के लिए तैयार है। आज हम विस्तार से जानेंगे कि क्यों अचानक भारतीय रक्षा उपकरणों में विदेशों की रुचि बढ़ी है, ब्राजील किन हथियारों को खरीदना चाहता है, और पीएम मोदी की ब्राजील यात्रा क्यों ऐतिहासिक हो सकती है।
आकाश एयर डिफेंस सिस्टम: दुनिया क्यों है मुरीद?
आकाश एक मध्यम दूरी का सतह-से-हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है, जिसे DRDO और अन्य भारतीय रक्षा एजेंसियों ने मिलकर विकसित किया है। यह सिस्टम 45 किमी की दूरी से किसी भी विमान, हेलीकॉप्टर, क्रूज मिसाइल या ड्रोन को निशाना बना सकता है। इसकी खासियत है इसकी मल्टी-टारगेट ट्रैकिंग क्षमता और तेज रिएक्शन टाइम। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन हमले को नाकाम करने के बाद से ही इस सिस्टम की दुनियाभर में चर्चा हो रही है।
ब्राजील ने चीन के स्काई ड्रैगन सिस्टम को नजरअंदाज कर आकाश को प्राथमिकता दी है, जो भारत की तकनीकी क्षमता और कूटनीतिक सफलता का प्रतीक है। ब्राजील सिर्फ इसे खरीदना नहीं चाहता, बल्कि भारत के साथ मिलकर इसे अपने देश में निर्मित करना चाहता है। इससे ब्राजील में रोजगार बढ़ेगा और भारत की छवि एक विश्वसनीय रक्षा निर्यातक के रूप में उभरेगी।
गरुड़ आर्टिलरी और अन्य रक्षा सहयोग
ब्राजील की दिलचस्पी सिर्फ आकाश तक सीमित नहीं है। वह भारत के गरुड़ आर्टिलरी सिस्टम में भी रुचि रखता है, जिसे किसी भी सैन्य विमान से पैराड्रॉप करके तुरंत तैनात किया जा सकता है। यह जंगलों, पहाड़ों और दुर्गम इलाकों में तेजी से तैनाती के लिए आदर्श है। इसके अलावा, ब्राजील भारत के साथ सबमरीन मेंटेनेंस, ऑफशोर पेट्रोल वेसल्स और कोस्टल सर्विलांस सिस्टम में भी सहयोग चाहता है।
पीएम मोदी की ब्राजील यात्रा: एक ऐतिहासिक डील की संभावना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी ब्राजील यात्रा के दौरान आकाश डील पर मुहर लग सकती है। यह समझौता न सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी को वैश्विक स्तर पर स्थापित करेगा। ब्राजील के अलावा, आर्मेनिया, फिलीपींस और फ्रांस जैसे देश भी भारतीय हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो भारत के बढ़ते रक्षा निर्यात का सबूत है।
निष्कर्ष: भारत का बढ़ता वैश्विक प्रभाव
आकाश, गरुड़ आर्टिलरी और अन्य उन्नत रक्षा प्रणालियाँ भारत को वैश्विक मंच पर एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर रही हैं। जब ब्राजील जैसा देश चीन को छोड़ भारत को चुनता है, तो यह सिर्फ एक व्यापारिक सौदा नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी श्रेष्ठता और विश्वसनीयता का प्रमाण है। आने वाले समय में भारत का रक्षा निर्यात और विस्तार होगा, जो ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करेगा।