न्यूज डेस्क, रीटाइम्स इंडिया
प्रकाशित: शुक्रवार, 08 अगस्त 2025
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम निवेशकों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। अब आप अपने स्मार्टफोन से ट्रेजरी बिल्स (T-Bills) में सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश कर सकते हैं। यह सुविधा RBI के रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म पर शुरू की गई है, जिसका मकसद छोटे निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश का आसान और सुरक्षित रास्ता देना है। T-Bills को सरकार का समर्थन प्राप्त है, यानी आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है और रिटर्न की गारंटी भी! आइए, जानते हैं इस नई योजना के फायदे और कैसे कर सकते हैं इसमें निवेश।
RBI का बड़ा कदम: T-Bill में SIP
RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 6 अगस्त 2025 को मौद्रिक नीति की बैठक में इस बड़े कदम की घोषणा की। उन्होंने कहा, “हम रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म की सुविधाओं को बढ़ा रहे हैं, ताकि छोटे निवेशक T-Bills में SIP के जरिए निवेश कर सकें।” यह सुविधा म्यूचुअल फंड की SIP की तरह काम करती है, जहां आप नियमित अंतराल पर छोटी-छोटी रकम निवेश कर सकते हैं।
इस नई सुविधा में ऑटो-बिडिंग की व्यवस्था है, जिसके तहत निवेशक प्राथमिक नीलामी (प्राइमरी ऑक्शन) में अपने आप बोली लगा सकते हैं। इससे हर बार मैनुअल बोली लगाने की जरूरत खत्म हो जाती है, और निवेश प्रक्रिया आसान हो जाती है। वित्तीय विशेषज्ञों ने इसे घरेलू बॉन्ड मार्केट को मजबूत करने वाला सकारात्मक कदम बताया है।
ट्रेजरी बिल्स (T-Bills) क्या हैं?
T-Bills भारत सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले अल्पकालिक ऋण उपकरण हैं, जो सरकार की तात्कालिक नकदी जरूरतों को पूरा करने के लिए होते हैं। ये निम्नलिखित अवधियों में उपलब्ध हैं:
- 14 दिन
- 91 दिन
- 182 दिन
- 364 दिन
T-Bills में कोई ब्याज नहीं मिलता, बल्कि इन्हें डिस्काउंट पर खरीदा जाता है और परिपक्वता (मैच्योरिटी) पर पूरा अंकित मूल्य (फेस वैल्यू) मिलता है। उदाहरण के लिए, अगर आप 91 दिन का T-Bill 128 रुपये में खरीदते हैं, जिसका फेस वैल्यू 130 रुपये है, तो परिपक्वता पर आपको 130 रुपये मिलेंगे। इस तरह 2 रुपये का लाभ आपका रिटर्न होगा। न्यूनतम निवेश राशि 10,000 रुपये है, और इसके बाद 10,000 रुपये के गुणकों में निवेश किया जा सकता है।
T-Bills को जोखिम-मुक्त माना जाता है, क्योंकि इन्हें भारत सरकार का समर्थन प्राप्त है। साथ ही, ये काफी लिक्विड हैं, यानी आप इन्हें आसानी से बेच सकते हैं या परिपक्वता तक रख सकते हैं।
रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म: निवेश का नया रास्ता
RBI ने नवंबर 2021 में रिटेल डायरेक्ट स्कीम शुरू की थी, जिसके तहत निवेशक RBI के साथ गिल्ट खाता (Retail Direct Gilt Account) खोल सकते हैं। यह प्लेटफॉर्म निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs), जैसे T-Bills, डेटेड G-Secs, स्टेट डेवलपमेंट लोन्स (SDLs), और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) में निवेश की सुविधा देता है।
मई 2024 में लॉन्च हुए रिटेल डायरेक्ट मोबाइल ऐप ने इसे और भी आसान बना दिया। अब आप अपने स्मार्टफोन से प्राइमरी ऑक्शन में हिस्सा ले सकते हैं और सेकेंडरी मार्केट में G-Secs खरीद-बिक्री कर सकते हैं। इस प्लेटफॉर्म की खास बात यह है कि इसमें कोई ब्रोकरेज या इंटरमीडियरी फीस नहीं लगती, जिससे निवेश की लागत कम रहती है।
T-Bills में SIP कैसे काम करेगा?
RBI ने T-Bills में SIP के लिए ऑटो-बिडिंग सुविधा शुरू की है। इसके तहत:
- निवेशक अपने निवेश की राशि, अवधि (जैसे 91 दिन या 364 दिन), और निवेश की आवृत्ति (वीकली, मंथली) तय कर सकते हैं।
- ये नियम ऑटो-बिड रूल्स के जरिए सेट किए जाते हैं, जो नीलामी शुरू होने पर अपने आप बोली लगा देते हैं।
- निवेशक इन नियमों को कभी भी बदल या रद्द कर सकते हैं।
- परिपक्वता राशि को स्वचालित रूप से अगली नीलामी में पुनर्निवेश (री-इन्वेस्ट) करने का विकल्प भी है।
उदाहरण के लिए, अगर आप हर महीने 10,000 रुपये के T-Bills में निवेश करना चाहते हैं, तो आप SIP सेट कर सकते हैं, और यह राशि हर नीलामी में अपने आप निवेश हो जाएगी। इससे निवेश की प्रक्रिया न केवल आसान होगी, बल्कि नियमित बचत की आदत भी बनेगी।
T-Bills में SIP के फायदे
- जोखिम-मुक्त निवेश: T-Bills को भारत सरकार का समर्थन प्राप्त है, इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित है। आपके पैसे डूबने का कोई खतरा नहीं।
- बेहतर रिटर्न: बचत खातों (2-3% ब्याज) की तुलना में T-Bills 6-7% का वार्षिक रिटर्न दे सकते हैं, जो बाजार की दरों पर निर्भर करता है।
- लचीलापन: आप अपनी जरूरत के हिसाब से निवेश की अवधि और राशि चुन सकते हैं। ऑटो-बिड नियमों को बदलना भी आसान है।
- लिक्विडिटी: T-Bills को परिपक्वता तक रख सकते हैं या सेकेंडरी मार्केट में बेच सकते हैं। हालांकि, सेकेंडरी मार्केट में अभी लिक्विडिटी सीमित हो सकती है।
- नियमित बचत: SIP के जरिए छोटी रकम से नियमित निवेश करने की सुविधा, जो लंबे समय में बड़ी पूंजी बना सकती है।
- कोई अतिरिक्त शुल्क: रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म पर कोई खाता खोलने या रखरखाव की फीस नहीं है। केवल पेमेंट गेटवे शुल्क देना पड़ सकता है।
क्या हैं चुनौतियां?
हालांकि T-Bills में SIP एक शानदार मौका है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- लिक्विडिटी की कमी: रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म नया है, और सेकेंडरी मार्केट में अभी खरीदार-विक्रेता कम हैं, जिससे बेचना मुश्किल हो सकता है।
- जटिल प्रक्रिया: ऑटो-बिडिंग के बावजूद, नए निवेशकों को प्लेटफॉर्म समझने में समय लग सकता है।
- रिटर्न में उतार-चढ़ाव: T-Bills के रिटर्न बाजार दरों पर निर्भर करते हैं, जो समय के साथ बदल सकते हैं।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
वित्तीय विशेषज्ञों ने इस कदम की तारीफ की है। इंडियाबॉन्ड्स.कॉम के सह-संस्थापक विशाल गोエンका ने कहा, “यह कदम छोटे निवेशकों के लिए कम जोखिम वाला निवेश विकल्प लेकर आया है। इससे लोग अपने बचत खातों में पड़े पैसे को बेहतर रिटर्न के लिए T-Bills में लगा सकते हैं।”
प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के सह-संस्थापक विशाल धवन का कहना है, “यह उन निवेशकों के लिए शानदार है, जो छोटी अवधि के लिए सुरक्षित निवेश चाहते हैं, जैसे कार खरीदने या छुट्टियों के लिए पैसा जमा करना।”
रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
RBI ने इस घोषणा के साथ ही रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखा है। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं को देखते हुए केंद्रीय बैंक सतर्क रुख अपना रहा है।
T-Bills में SIP की सुविधा छोटे निवेशकों के लिए एक बड़ा मौका है। यह न केवल सुरक्षित और लचीला निवेश विकल्प है, बल्कि नियमित बचत को भी प्रोत्साहित करता है। अगर आप कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न चाहते हैं, तो रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म पर T-Bills में SIP शुरू करने का यह सही समय हो सकता है। बस, निवेश से पहले अपनी वित्तीय जरूरतों और लक्ष्यों को अच्छी तरह समझ लें।
