चंडीगढ़: पंजाब की राजनीति में एक बड़ा हलचल भरा मामला सामने आया है। शुक्रवार रात भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए पूर्व शिरोमणि अकाली दल (SAD) नेता और रियल एस्टेट कारोबारी रंजीत सिंह गिल के घर और ऑफिस पर शनिवार सुबह पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने छापा मारा। बीजेपी ने इस कार्रवाई को आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार का “राजनीतिक बदला” बताया है।
क्या हुआ छापेमारी में?
सूत्रों के मुताबिक, विजिलेंस टीम ने सुबह-सुबह चंडीगढ़ के सेक्टर-2 में गिल के आवास और मोहाली के खरड़ स्थित उनकी कंपनी ‘गिल्को वैली’ के ऑफिस पर छापेमारी की। इस दौरान भारी पुलिस बल मौजूद था। छापे के दौरान कुछ दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी जब्त किए गए, हालांकि विजिलेंस ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
बीजेपी ने लगाया ‘वेंज पॉलिटिक्स’ का आरोप
बीजेपी ने इस छापे को AAP सरकार की “नाराज़गी” बताया है। पंजाब बीजेपी नेता सुभाष शर्मा ने कहा, “गिल जी ने जैसे ही बीजेपी ज्वाइन की, अगली सुबह ही विजिलेंस उनके घर पहुंच गई। यह साफ़ राजनीतिक प्रतिशोध है।” उन्होंने आरोप लगाया कि AAP गिल को अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए दबाव बना रही थी, लेकिन जब वे बीजेपी में चले गए, तो यह कार्रवाई हुई।
क्यों चर्चा में हैं रंजीत सिंह गिल?
- गिल पहले SAD के करीबी नेता थे और सुखबीर सिंह बादल के विश्वासपात्र माने जाते थे।
- उन्होंने 12 जुलाई को SAD छोड़ दी थी, यह कहते हुए कि पार्टी में “वफादारों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।”
- 1 अगस्त को हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने उन्हें बीजेपी में शामिल कराया।
- 2017 और 2022 में वे खरड़ सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन हार गए।
- उनकी कंपनी गिल्को वैली ने मोहाली में कई बड़े रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स चलाए हैं।
विजिलेंस की कार्रवाई का कारण?
छापेमारी के पीछे गिल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामले बताए जा रहे हैं। कुछ सूत्रों का दावा है कि गिल पहले से ही ED के निशाने पर थे, लेकिन विजिलेंस ने पहले कार्रवाई कर दी।
गिल की ओर से चुप्पी, बीजेपी ने उठाए सवाल
अभी तक रंजीत सिंह गिल ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, बीजेपी नेता एलके वर्मा ने कहा, “यह सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग है। पहले तजिंदर बग्गा, अब गिल… AAP डर गई है क्योंकि 2027 में बीजेपी पंजाब में सत्ता में आएगी।”
अब सबकी नज़र विजिलेंस की आगे की रिपोर्ट पर है। क्या यह सच में भ्रष्टाचार की जांच है या फिर राजनीतिक दबाव? जल्द ही और अपडेट्स आने की उम्मीद है।
