नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने भुनी टोल प्लाजा की टोल कलेक्टिंग एजेंसी M/s धरम सिंह पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और इसके कॉन्ट्रैक्ट को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कार्रवाई 17 अगस्त को एक सेना के जवान कपिल सिंह को टोल कर्मचारियों द्वारा बांधकर बेरहमी से पीटने के बाद हुई। इस घटना ने लोगों में गुस्सा भर दिया और ग्रामीणों ने टोल प्लाजा पर तोड़फोड़ भी की।
मेरठ में भुनी टोल प्लाजा पर हुआ हंगामा
मेरठ के भुनी टोल प्लाजा पर रविवार रात को एक शर्मनाक घटना हुई, जब 26 साल के सेना के जवान कपिल सिंह, जो राजपूत रेजिमेंट से हैं, को टोल कर्मचारियों ने बांधकर बेरहमी से पीटा। कपिल अपने चचेरे भाई के साथ दिल्ली एयरपोर्ट जा रहे थे ताकि श्रीनगर में अपनी ड्यूटी जॉइन कर सकें। उन्होंने टोल कर्मचारियों से जल्दी पास देने की गुزارिश की थी, लेकिन इसके बदले उन्हें बांधकर लाठियों, मुक्कों और किक्स से मारा गया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में कई टोल कर्मचारी कपिल को पोल से बांधकर पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं।
NHAI ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसने टोल कलेक्टिंग एजेंसी M/s धरम सिंह पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और इसे भविष्य में टोल प्लाजा की बिडिंग से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। NHAI ने कहा, “हम टोल प्लाजा कर्मचारियों के इस व्यवहार की कड़ी निंदा करते हैं और नेशनल हाईवेज पर सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
छह टोल कर्मचारी गिरफ्तार, ग्रामीणों का गुस्सा भड़का
पुलिस ने इस हमले के लिए टोल एजेंसी के छह कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन टंडा ने बताया कि जांच के लिए टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की जा रही है। इस घटना से गुस्साए स्थानीय ग्रामीणों ने सोमवार को भुनी टोल प्लाजा पर जमकर हंगामा किया और तोड़फोड़ की। मेरठ के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राकेश कुमार मिश्रा ने कहा, “सेना के जवान पर हमले से नाराज ग्रामीणों ने टोल प्लाजा पर प्रदर्शन किया। स्थिति अब नियंत्रण में है और ट्रैफिक का सामान्य आवागमन जारी है।”
यह घटना उस समय सामने आई जब कपिल सिंह ने टोल कर्मचारियों से जल्दी पास देने की गुजारिश की थी, क्योंकि उन्हें अपनी फ्लाइट पकड़ने की जल्दी थी। लेकिन इसके बजाय, कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़काया बल्कि पूरे देश में आक्रोश पैदा किया।
क्या टोल कर्मचारियों पर सख्त नियम होने चाहिए?
इस घटना ने टोल प्लाजा कर्मचारियों के व्यवहार और उनके लिए नियमों की जरूरत पर सवाल उठाए हैं। लोग सोशल मीडिया पर इस बात की मांग कर रहे हैं कि टोल कर्मचारियों के लिए सख्त नियम बनाए जाएं ताकि ऐसी हिंसक घटनाएं दोबारा न हों। NHAI की त्वरित कार्रवाई से यह साफ है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं।