Retimes india
  • Home
  • Education News
  • Technology
  • Uncategorized
  • India News
  • Science
  • sports
  • Stock Market News
  • Defence News
Reading: पश्चिम बंगाल: ममता सरकार का बड़ा फैसला, ओबीसी सूची में 76 नई जातियां शामिल
Share
Retimes indiaRetimes india
Font ResizerAa
  • Home
  • Education News
  • Technology
  • Uncategorized
  • India News
  • Science
  • sports
  • Stock Market News
  • Defence News
  • Home
  • Education News
  • Technology
  • Uncategorized
  • India News
  • Science
  • sports
  • Stock Market News
  • Defence News
© All Rights Reserved. Retimes India. Hosted on Elga Cloud Web Hosting Company.
Retimes india > Blog > Uncategorized > पश्चिम बंगाल: ममता सरकार का बड़ा फैसला, ओबीसी सूची में 76 नई जातियां शामिल
Uncategorized

पश्चिम बंगाल: ममता सरकार का बड़ा फैसला, ओबीसी सूची में 76 नई जातियां शामिल

Retimes india
Last updated: June 4, 2025 5:43 pm
Retimes india
Share
West Bengal: Mamata government's big decision, 76 new castes included in OBC list
SHARE

पश्चिम बंगाल: ममता सरकार का बड़ा फैसला, ओबीसी सूची में 76 नई जातियां शामिल

कोलकाता, 4 जून 2025: पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य मंत्रिमंडल ने पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग (WBCBC) की सिफारिशों को मंजूरी देते हुए 76 नई जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की सूची में शामिल करने का निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद राज्य में ओबीसी सूची में शामिल जातियों की कुल संख्या 64 से बढ़कर 140 हो गई है। यह कदम सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

Contents
सर्वेक्षण के आधार पर लिया गया निर्णयसामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का लक्ष्यरिजर्वेशन और जातिगत जनगणना की बहसराजनीतिक रणनीति या सामाजिक न्याय?

सर्वेक्षण के आधार पर लिया गया निर्णय

ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस फैसले की पृष्ठभूमि में राज्य सरकार द्वारा हाल ही में कराया गया एक सामाजिक-शैक्षिक सर्वेक्षण है, जिसमें कई जातियों की सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक स्थिति का गहन अध्ययन किया गया। पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस सर्वेक्षण के आधार पर 76 नई जातियों को ओबीसी सूची में जोड़ने की सिफारिश की थी। आयोग ने इन जातियों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा पाया, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।

इस सर्वेक्षण को लेकर ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी अपनी प्रतिबद्धता जताई थी। मार्च 2025 में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह तीन महीने के भीतर नया ओबीसी सर्वेक्षण पूरा कर लेगी। यह सर्वेक्षण जून 2025 तक पूरा हुआ, और अब इसकी रिपोर्ट 9 जून से शुरू होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में पेश की जाएगी। इस रिपोर्ट में 140 जातियों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने की बात कही गई है, जिन्हें राज्य में 17% ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलेगा।

सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का लक्ष्य

इस फैसले का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को मुख्यधारा में लाना है। नई जातियों को ओबीसी सूची में शामिल करने से इन समुदायों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम उन वर्गों को सशक्त करेगा, जो लंबे समय से सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर रहे हैं।

हालांकि, यह पहल विवादों से अछूती नहीं है। पिछले साल मई 2024 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने 2010 के बाद जारी किए गए ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया था, जिसमें 77 में से 75 जातियां मुस्लिम समुदाय से थीं। कोर्ट ने कहा था कि इन जातियों को ओबीसी सूची में शामिल करने की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी और यह धर्म आधारित लगती है। ममता सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, और मामला अभी विचाराधीन है। नई सूची में भी कुछ ऐसी जातियां शामिल हो सकती हैं, जिन्हें पहले रद्द किया गया था, जिसके चलते इस फैसले पर सवाल उठ सकते हैं।

रिजर्वेशन और जातिगत जनगणना की बहस

इस फैसले ने एक बार फिर रिजर्वेशन और जातिगत जनगणना की बहस को हवा दे दी है। समर्थकों का कहना है कि रिजर्वेशन समाज के पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने का एक प्रभावी तरीका है। जातिगत जनगणना के जरिए यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि रिजर्वेशन का लाभ उन वर्गों को मिले, जिन्हें इसकी वास्तविक जरूरत है। ममता सरकार ने भी इस सर्वेक्षण के जरिए उन जातियों की पहचान करने की कोशिश की है, जो वाकई पिछड़ी हुई हैं।

हाल के दिनों में कई राज्यों ने स्थानीय स्तर पर रिजर्वेशन को लेकर बड़े फैसले लिए हैं। उदाहरण के लिए, लद्दाख में सरकारी नौकरियों में 85% रिजर्वेशन स्थानीय लोगों के लिए लागू किया गया है, ताकि वहां के निवासियों को प्राथमिकता मिले। इसी तरह, कर्नाटक में भी कक्षा-4 की नौकरियों में 19% रिजर्वेशन स्थानीय लोगों के लिए तय किया गया था। हालांकि, इन फैसलों पर संवैधानिक भावना के उल्लंघन का सवाल भी उठा है, क्योंकि रिजर्वेशन का आधार क्षेत्रीयता को लेकर विवादित माना जाता है।

राजनीतिक रणनीति या सामाजिक न्याय?

ममता सरकार के इस फैसले को 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ी राजनीतिक रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है। पश्चिम बंगाल में ओबीसी आबादी लगभग 39% है, और यह समुदाय चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाता है। नई जातियों को ओबीसी सूची में शामिल करने से ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) को इन समुदायों का समर्थन मिलने की उम्मीद है। विशेष रूप से मुस्लिम और दलित समुदायों को साधने की कोशिश के तौर पर इस फैसले को देखा जा रहा है, क्योंकि पश्चिम बंगाल में मुस्लिम आबादी करीब 27-30% है और यह टीएमसी का पारंपरिक वोट बैंक रहा है।

हालांकि, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस फैसले की आलोचना की है। बीजेपी का आरोप है कि ममता सरकार वोट बैंक की राजनीति के लिए ओबीसी वर्गीकरण का दुरुपयोग कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले कहा था कि ममता बनर्जी ने बिना किसी सर्वेक्षण के 118 मुस्लिम जातियों को ओबीसी आरक्षण दिया, जिसे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया। बीजेपी ने इसे तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया है, जबकि टीएमसी ने कोर्ट के फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया।

ममता सरकार का यह फैसला सामाजिक न्याय की दिशा में एक कदम हो सकता है, लेकिन इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि यह कितनी पारदर्शिता के साथ लागू होता है। ओबीसी सूची में नई जातियों को शामिल करना उन समुदायों के लिए एक बड़ा अवसर है, जो लंबे समय से हाशिए पर रहे हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में कानूनी और संवैधानिक मानकों का पालन करना भी जरूरी है, ताकि भविष्य में इसे चुनौती न दी जा सके।

आने वाले विधानसभा सत्र में जब ओबीसी सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश होगी, तब यह साफ होगा कि नई सूची में किन-किन जातियों को शामिल किया गया है। साथ ही, यह भी देखना होगा कि क्या यह फैसला वाकई सामाजिक समानता की दिशा में एक कदम साबित होता है, या फिर यह सिर्फ चुनावी रणनीति तक सीमित रह जाता है।

Subscribe to Our Newsletter
Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article Prime Minister Narendra Modi will inaugurate the world's highest railway bridge प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज का करेंगे उद्घाटन
Next Article Historic decision of Calcutta High Court: 12 lakh OBC certificates cancelled, Supreme Court upheld कलकत्ता हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: 12 लाख ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द, सुप्रीम कोर्ट ने रखा बरकरार
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Headlines

नेपाल में तुर्की-पाकिस्तान की साजिश से नेपाल में बढ़ रहा इस्लामिक कट्टरपंथ:भारत के लिए बन रहा है नया सुरक्षा संकट

भारत-नेपाल की 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा, जहां पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं है, अब भारत…

7 Min Read

लखनऊ: कोचिंग सेंटर जाते समय छात्र लापता हुआ

लखनऊ। चिनहट क्षेत्र के गणेशपुर रहमानपुर निवासी रोशन यादव बुधवार को कोचिंग सेंटर जाने के लिए…

1 Min Read

भारत सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 87 स्वदेशी ड्रोन खरीदेगा, 20,000 करोड़ के सौदे की तैयारी

भारत अपनी सीमाओं की निगरानी और सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए 87 मीडियम…

6 Min Read

भारतीय रेलवे के नए तत्काल टिकट नियम 2025: आधार कार्ड वेरिफिकेशन अनिवार्य

भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली को और पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए…

7 Min Read

31 साल बाद भारत का धमाका! ओमान को पेनाल्टी शूटआउट में 3-2 से रौंदकर CAFA नेशंस कप में तीसरा स्थान पक्का!

भारतीय फुटबॉल टीम ने तजिकिस्तान के हिसोर सेंट्रल स्टेडियम में इतिहास रच दिया! काफा नेशंस…

3 Min Read

S&P की बढ़ी रेटिंग: भारत की अर्थव्यवस्था पर वैश्विक मुहर, ट्रंप के दावों को झटका

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत की अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाते हुए…

2 Min Read

जोधपुर में वायुसेना का मेगा युद्धाभ्यास! ड्रोन और रात की उड़ानों पर रोक, क्या है माजरा

पश्चिमी सीमा पर भारतीय वायुसेना का दो दिवसीय युद्धाभ्यास शुरू, जोधपुर में ड्रोन पर पूरी…

3 Min Read

हाई कोर्ट के जज ने कहाँ आप हिंदी में जवाब क्यों दे रहे हैं: क्या आपको अंग्रेजी नहीं आती:क्या अंग्रेजी न बोल पाना अक्षमता का प्रमाण है

उत्तराखंड हाईकोर्ट की नैनीताल बेंच में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान एक ऐसा…

7 Min Read

भारत का “ब्रह्मास्त्र” रुद्राक्षम ड्रोन: स्वदेशी तकनीक से दुश्मनों को धूल चटाने की तैयारी

भारत ने हाल ही में अपने स्वदेशी वर्टिकल टेकऑफ एंड लैंडिंग (VTOL) ड्रोन "रुद्राक्षम" का सफल परीक्षण…

2 Min Read

ब्रह्मोस मिसाइल की बढ़ती वैश्विक मांग से चीन और अमेरिका परेशान

भारत की ब्रह्मोस मिसाइल की वैश्विक मांग तेजी से बढ़ रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही…

3 Min Read

You Might Also Like

अमेरिका में अब चलेगा भारत का UPI! PayPal लॉन्च कर रहा है नया प्लेटफॉर्म

डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक बड़ी खबर सामने आई है। PayPal ने अपने नए प्लेटफॉर्म PayPal World को लॉन्च करने की…

5 Min Read
China has created a kill switch weapon which can destroy the critical infrastructure of any country
Uncategorized

चीन ने बनाया किल स्विच हथियार जो किसी भी देश के क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को कर सकता है बर्बाद

भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा तनाव में एक चुपके से लेकिन खतरनाक रणनीति सामने आ रही है।…

6 Min Read

BB19: तान्या मित्तल की बैकलेस साड़ी पर भड़कीं हर्षा रिछारिया, बोलीं- ये क्या पहन लिया

“बिग बॉस 19 शुरू से ही धमाल मचा रहा है। शो की कंटेस्टेंट तान्या मित्तल अपनी हरकतों और स्टाइल की…

4 Min Read
Delhi High Court on property made in wife's name: Know who will get the ownership rights
Uncategorized

पत्नी के नाम पर की गयी संपत्ति पर दिल्ली हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: जानिए किसे मिलेगा मालिकाना हक

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में बेनामी संपत्तियों को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जो हजारों परिवारों के लिए…

4 Min Read
Retimes india

Popular Category

  • India News
  • Stock Market News
  • Technology
  • Education News

Latest Vews

  • Defence News
  • Education News
  • Science
  • sports

Policy Pages

  • About Us
  • DMCA
  • Term and Conditions
  • Privacy Policy

Get in Touch

  • Contact

© All Rights Reserved. Retimes India. Hosted on Elga Cloud Web Hosting Company.

Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?