उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के नाम पर एक खास छात्रवृत्ति शुरू करने का ऐलान किया है। यह छात्रवृत्ति उन युवाओं के लिए होगी जो अंतरिक्ष विज्ञान और स्पेस टेक्नोलॉजी में उच्च शिक्षा हासिल करना चाहते हैं। लखनऊ में आयोजित एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभांशु को सम्मानित करते हुए यह घोषणा की। आइए जानते हैं इस खास पहल और शुभांशु की प्रेरणादायक कहानी के बारे में।
शुभांशु के सम्मान में खास समारोह
लखनऊ के लोक भवन में सोमवार को आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री योगी ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को श्रीराम की प्रतिमा और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। योगी ने कहा कि शुभांशु यूपी के पहले अंतरिक्ष यात्री हैं और उनकी उपलब्धियां पूरे देश के लिए गर्व का विषय हैं। 18 दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर शुभांशु ने पृथ्वी की 300 से ज्यादा बार परिक्रमा की। यह उपलब्धि न केवल यूपी बल्कि पूरे भारत के लिए एक ऐतिहासिक पल है।
छात्रवृत्ति से मिलेगा युवाओं को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि शुभांशु शुक्ला के नाम पर शुरू होने वाली यह छात्रवृत्ति उन छात्रों को दी जाएगी जो स्पेस टेक्नोलॉजी और अंतरिक्ष विज्ञान में पढ़ाई करना चाहते हैं। योगी ने कहा कि यह पहल नई पीढ़ी को अंतरिक्ष के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने बताया कि आज प्रदेश के कई तकनीकी विश्वविद्यालयों में स्पेस साइंस से जुड़े कोर्स शुरू हो चुके हैं, जो युवाओं को इस क्षेत्र में नई दिशा देंगे।
भारत की अंतरिक्ष शक्ति को मिला नया आयाम
सीएम योगी ने शुभांशु की अंतरिक्ष यात्रा को भारत की वैज्ञानिक विरासत का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि चार दशक बाद भारत को फिर से अंतरिक्ष यात्रा का मौका मिला और शुभांशु ने इसे बखूबी निभाया। उनकी इस यात्रा ने दुनिया को भारत की अंतरिक्ष शक्ति दिखाई। योगी ने यह भी कहा कि शुभांशु के अनुभव 2027 के अगले अंतरिक्ष मिशन में युवाओं को प्रेरणा और मार्गदर्शन देंगे।
इसरो और यूपी का योगदान
इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन ने समारोह में कहा कि 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में अंतरिक्ष मिशनों की बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने बताया कि स्वदेशी तकनीक के दम पर भारत तेजी से सैटेलाइट लॉन्च कर रहा है और इसमें उत्तर प्रदेश की भी अहम भूमिका है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार ने कहा कि शुभांशु की उड़ान भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
शुभांशु के परिवार को भी सम्मान
इस मौके पर शुभांशु के परिवार को भी सम्मानित किया गया। उनकी मां आशा शुक्ला को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पिता शंभू दयाल शुक्ला को केशव प्रसाद मौर्य और पत्नी डॉ. कामना शुक्ला को लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल ने प्रतीक चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। समारोह का संचालन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव पांधरी यादव ने किया। इस दौरान मंत्री, सांसद, विधायक, वैज्ञानिक, छात्र और अन्य लोग मौजूद रहे।
शुभांशु की प्रेरणा
शुभांशु ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें अंतरिक्ष तक पहुंचाया। उन्होंने छात्रों से कहा, “खूब मेहनत करो, 2040 में मैं तुम्हें अंतरिक्ष में देखना चाहता हूं।” उनकी यह बात युवाओं के लिए एक बड़ा प्रेरणास्रोत बनी।