हरदोई के कछौना में उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर एक सनसनीखेज ठगी का मामला सामने आया है। आरोप है कि 40 से ज्यादा युवाओं से लाखों रुपये वसूलने के बाद उन्हें जबरन एक निजी नेटवर्किंग बिजनेस में धकेल दिया गया। पीड़ितों का कहना है कि उन्हें बंधक बनाकर मानसिक और शारीरिक दबाव झेलना पड़ा। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को हिरासत में लिया है और तीन एफआईआर दर्ज की हैं। आइए, जानते हैं इस पूरे मामले की सच्चाई।
ठगी का खुलासा: पीड़ितों ने बताई आपबीती
फिरोजाबाद के रामगढ़ थाना क्षेत्र की न्यू आबादी मैलाई निवासी गया प्रसाद, सिंटू गौतम और सावन देवी ने कछौना कोतवाली में तहरीर देकर ठगी का गंभीर आरोप लगाया है। उनके मुताबिक, आगरा के जीतू यादव और उसके साथियों ने उत्तराखंड में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर हर पीड़ित से 30,000 रुपये वसूले।
पीड़ितों को उत्तराखंड ले जाया गया और अलग-अलग जगहों पर रखा गया। वहां उन्हें सरकारी नौकरी की बजाय एक निजी नेटवर्किंग बिजनेस से जोड़ा गया। हाल ही में आरोपियों ने कछौना में एक किराए का मकान और मैरिज लॉन में कमरे लिए, जहां और लोगों को इस बिजनेस में जोड़ने का दबाव बनाया गया।
पुलिस की कार्रवाई: पांच आरोपी हिरासत में
गुरुवार को पीड़ितों के परिजनों ने कछौना कोतवाली पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी दी। मामला गंभीर होने के कारण पुलिस अधीक्षक ने सीओ संडीला संतोष सिंह को जांच का जिम्मा सौंपा। देर शाम तक की जांच में ठगी, धोखाधड़ी और बंधक बनाने के आरोपों की पुष्टि हुई।
पुलिस ने जीतू यादव (आगरा), संदीप (फतेहपुर), सुमित (हरदोई), अनवर (बिहार), और रोहित (फिरोजाबाद) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि इस गिरोह ने करीब 40 लोगों को ठगा है। पुलिस अब इन आरोपियों से पूछताछ कर रही है और मामले की गहराई से जांच कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
यह गिरोह युवाओं को सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर उनसे मोटी रकम वसूलता था। पैसे लेने के बाद उन्हें उत्तराखंड ले जाकर एक नेटवर्किंग कंपनी में काम करने के लिए मजबूर किया गया। पीड़ितों का आरोप है कि उन्हें बंधक बनाकर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। कछौना में नया सेटअप शुरू करने की कोशिश के दौरान पुलिस ने इन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया।
आगे क्या?
पुलिस इस मामले में और सबूत जुटा रही है ताकि इस ठगी के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके। पीड़ितों के परिजनों ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है, लेकिन उनका कहना है कि दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की ठगी का शिकार न हो।
अगर आपके साथ भी ऐसा कोई फ्रॉड हुआ है, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करें। अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं!
