उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा राज्य, अपनी प्रगति और विकास योजनाओं के लिए जाना जाता है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना एक ऐसी पहल है जो न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देती है, बल्कि ऊर्जा आत्मनिर्भरता, सुशासन, और स्थानीय निकायों की भागीदारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को भी जोड़ती है। यह योजना यूपीपीसीएस मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन पेपर 5 (उत्तर प्रदेश में नवीनतम विकास) और पेपर 6 (पर्यावरण और विज्ञान) के लिए अत्यंत प्रासंगिक है। आइए, इस योजना को विस्तार से समझते हैं और इसके यूपीपीसीएस के दृष्टिकोण से महत्व को जानते हैं।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना: एक परिचय
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को फरवरी 2024 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य है:
- 1 करोड़ घरों में सोलर पैनल स्थापित करना।
- प्रत्येक घर को प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान करना।
- भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाना और कार्बन उत्सर्जन को कम करना।
यह योजना विकेंद्रीकृत ऊर्जा प्रणाली, स्वच्छ ऊर्जा स्रोत, और जलवायु शमन जैसे विषयों से सीधे जुड़ी है, जो यूपीपीसीएस मेंस के पर्यावरण और विज्ञान सेक्शन के लिए महत्वपूर्ण हैं। साथ ही, यह सतत विकास लक्ष्य (SDG 7: अफोर्डेबल और क्लीन एनर्जी) को भी समर्थन देती है।
उत्तर प्रदेश में योजना का विस्तार
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए व्यापक रणनीति अपनाई है। कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
- प्रगति:
- अब तक 1 लाख से अधिक सोलर यूनिट्स स्थापित हो चुकी हैं।
- सरकार का लक्ष्य 2025-26 तक 2,65,000 यूनिट्स और 2027 तक 8 लाख यूनिट्स स्थापित करने का है।
- औसतन प्रति माह 22,000 यूनिट्स की गति से कार्य चल रहा है।
- प्रबंधन और निगरानी:
- योजना की निगरानी मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के माध्यम से की जा रही है।
- उत्तर प्रदेश नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपी नेडा) इसकी कार्यान्वयन एजेंसी है।
- वेंडर और प्रशिक्षण:
- 25,000 से अधिक वेंडर्स को पैनल में शामिल किया गया है।
- 1,800 वेंडर्स को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है ताकि योजना को जमीनी स्तर तक पहुंचाया जा सके।
नीति और प्रशासनिक दृष्टिकोण
इस योजना का कार्यान्वयन जिला डिस्कॉम, नगर निगम, और नगर पालिका स्तर पर लक्ष्य-आधारित मॉडल के माध्यम से हो रहा है। यह नवाचार आधारित शासन (इनोवेशन बेस्ड गवर्नेंस) और सहभागी प्रशासन (पार्टिसिपेटरी गवर्नेंस) का एक शानदार उदाहरण है। अन्य महत्वपूर्ण पहलू इस प्रकार हैं:
- आर्थिक समावेशन:
- बैंकों द्वारा वेंडर्स को लोन और क्रेडिट गारंटी प्रदान की जा रही है, जिससे स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा मिल रहा है।
- कौशल विकास:
- राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय संस्थान और कौशल विकास मंत्रालय के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
- बहु-आयामी प्रभाव:
- यह योजना ऊर्जा, पर्यावरण, स्थानीय प्रशासन, और आर्थिक समावेशन जैसे क्षेत्रों को एक साथ जोड़ती है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना केवल एक तकनीकी परियोजना नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश में सुशासन, पर्यावरणीय स्थिरता, और नागरिक भागीदारी का एक उत्कृष्ट मॉडल है। यह योजना ऊर्जा आत्मनिर्भरता, कार्बन उत्सर्जन में कमी, और सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यूपीपीसीएस मेंस की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए यह एक ट्रेंडिंग और तथ्यात्मक विषय है, जिसे उत्तर लेखन में प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है। इस योजना के विभिन्न आयामों को समझकर और इसे सामान्य अध्ययन के पेपर से जोड़कर, उम्मीदवार अपने उत्तरों को अधिक समृद्ध और प्रासंगिक बना सकते हैं।