केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार (23 अगस्त 2025) को संविधान के 130वें संशोधन बिल को लेकर एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि जब सरकार गंभीर अपराधों में शामिल होने या 30 दिन तक जेल में रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्रियों को हटाने वाला बिल तैयार कर रही थी, तब पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ तौर पर अपने लिए किसी भी तरह की छूट देने से इनकार कर दिया।
रिजिजू ने कहा कि कैबिनेट बैठक में पीएम मोदी ने बताया कि कुछ सिफारिशें आई थीं, जिनमें प्रधानमंत्री को इस बिल के दायरे से बाहर रखने की बात थी। लेकिन पीएम ने इन सिफारिशों को ठुकरा दिया।
बिल को लेकर रिजिजू ने और क्या कहा
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने न्यूज एजेंसी को बताया, “पीएम मोदी ने कैबिनेट में साफ कहा कि वह प्रधानमंत्री को बिल से बाहर रखने की सिफारिशों को स्वीकार नहीं करते। उन्होंने पीएम के पद के लिए किसी भी तरह का अपवाद देने से मना कर दिया।” रिजिजू ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री भी इस देश के नागरिक हैं और उन्हें कोई खास सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा, “हमारी पार्टी के ज्यादातर मुख्यमंत्री हैं। अगर वे कुछ गलत करते हैं, तो उन्हें भी अपना पद छोड़ना होगा। नैतिकता को सबसे ऊपर रखा जाना चाहिए। अगर विपक्ष इस बिल में नैतिकता को केंद्र में रखता, तो वह इसका स्वागत करता।”
बिल में क्या हैं प्रावधान
केंद्र सरकार ने लोकसभा में तीन बिल पेश किए हैं- संविधान (130वां संशोधन) बिल, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल और केंद्र शासित प्रदेश शासन (संशोधन) बिल। इन बिलों में साफ किया गया है कि अगर कोई मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री किसी आपराधिक मामले में गिरफ्तार होता है या 30 दिन तक लगातार हिरासत में रहता है, और उस मामले में कम से कम 5 साल की सजा का प्रावधान है, तो उसे एक महीने के अंदर अपना पद छोड़ना होगा।