पाकिस्तान सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने अमेरिका में भारत के खिलाफ तीखा बयान दिया है, जिसके जवाब में भारत ने सख्त रुख अपनाया है। भारत ने साफ कहा कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। मुनीर ने कश्मीर को फिर से पाकिस्तान की “जुगुलर वेन” (जीवन रेखा) बताया और कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला नहीं, बल्कि एक अनसुलझा अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है। आखिर क्या है इस बयान के पीछे की कहानी और भारत का जवाब? आइए जानते हैं।
मुनीर का भारत विरोधी बयान
आसिम मुनीर अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान तम्पा, फ्लोरिडा में पाकिस्तानी-अमेरिकी समुदाय को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर भारत ने सिंधु नदी पर बांध बनाया तो इस्लामाबाद अपने जल अधिकारों की रक्षा “हर कीमत पर” करेगा। पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट ARY न्यूज के मुताबिक, मुनीर ने कहा, “हम भारत के बांध बनने का इंतजार करेंगे, और जब वे ऐसा करेंगे, हम उसे नष्ट कर देंगे।” यह बयान दैनिक अखबार ‘द डॉन’ में 11 अगस्त 2025 को छपा।
भारत का कड़ा जवाब
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाता रहेगा। जायसवाल ने कहा, “पाकिस्तान का परमाणु धमकी देना उसकी पुरानी आदत है। ऐसे बयानों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय खुद निष्कर्ष निकाल सकता है कि यह कितना गैर-जिम्मेदाराना है। ये बयान पाकिस्तान की सेना और आतंकी संगठनों की सांठगांठ पर भी सवाल उठाते हैं, जहां परमाणु हथियारों का नियंत्रण एक गैर-जवाबदेह संस्था के पास है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह के बयान एक दोस्ताना देश (अमेरिका) की धरती से दिए गए। भारत पहले ही साफ कर चुका है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे।”
दिल्ली के सूत्रों का दावा
दिल्ली के सूत्रों ने कहा कि मुनीर के इस तरह के बयान आतंकी हमलों की आशंका को बढ़ाते हैं, जहां पाकिस्तान अपनी मिसाइल और परमाणु क्षमता को राजनीतिक कवर के तौर पर इस्तेमाल करता है। सूत्रों ने इसे “परमाणु तलवारबाजी” करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान दशकों से परमाणु हथियारों का डर दिखाकर क्षेत्रीय अस्थिरता पैदा करता रहा है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की सेना, जो किसी के प्रति जवाबदेह नहीं है, परमाणु हथियारों को नियंत्रित करती है। इससे परमाणु सामग्री या विशेषज्ञता आतंकी संगठनों तक पहुंचने का खतरा बना रहता है।”
कश्मीर पर मुनीर का पुराना राग
पहलगाम हमले से कुछ हफ्ते पहले भी मुनीर ने कश्मीर को पाकिस्तान की “जुगुलर वेन” बताया था और कहा था कि पाकिस्तान इस मुद्दे को कभी नहीं भूलेगा। भारत ने तब भी उनके बयानों को खारिज कर दिया था। इस बार फिर मुनीर ने अपने भाषण में कहा, “कश्मीर भारत का आंतरिक मामला नहीं, बल्कि एक अनसुलझा अंतरराष्ट्रीय एजेंडा है।” उन्होंने यह भी कहा कि कायदे-आजम (मुहम्मद अली जिन्ना) ने भी कश्मीर को पाकिस्तान की जीवन रेखा कहा था।
मुनीर की अमेरिका यात्रा
मुनीर इस समय अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर हैं, जहां उन्होंने सीनियर सैन्य और राजनीतिक नेताओं के साथ मुलाकात की। पाकिस्तानी सेना के बयान के मुताबिक, मुनीर ने तम्पा में यूनाइटेड स्टेट्स सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल ई. कुरिला की रिटायरमेंट सेरेमनी और एडमिरल ब्रैड कूपर के कमांड संभालने के समारोह में हिस्सा लिया। इसके अलावा, उन्होंने चेयरमैन जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल डैन केन से मुलाकात की और उन्हें पाकिस्तान आने का न्योता दिया।
मुनीर ने पाकिस्तानी डायस्पोरा के साथ बातचीत में कहा कि उनकी यह दूसरी अमेरिका यात्रा डेढ़ महीने के अंतराल में हुई है, जो पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों में नई सकारात्मक दिशा दिखाती है। उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी रणनीतिक नेतृत्व ने भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोकने के साथ-साथ दुनिया भर में कई अन्य युद्धों को टाला है।
ट्रंप के साथ मुलाकात
इससे पहले जून में मुनीर ने पांच दिन की दुर्लभ अमेरिका यात्रा की थी, जिसमें उन्होंने ट्रंप के साथ निजी लंच में हिस्सा लिया था। यह एक असामान्य कदम था, जो आमतौर पर किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष या सरकार प्रमुख के लिए होता है। इस मुलाकात के बाद ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ तेल सौदे सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की घोषणा की थी।
आसिम मुनीर के बयान और भारत का जवाब दक्षिण एशिया में तनाव की स्थिति को फिर से उजागर करते हैं। भारत ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी तरह की धमकी के आगे नहीं झुकेगा और अपनी सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। यह विवाद न सिर्फ भारत-पाक संबंधों को प्रभावित करता है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर भी सवाल उठाता है।
