भारत के गृह मंत्रालय ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई का ऐलान किया था, और अब चुनाव आयोग ने बिहार में एक बड़ा अभियान शुरू किया है। इसके तहत नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध नागरिकों की पहचान की जा रही है, जो भारत की मतदाता सूची में घुस आए हैं। यह कदम न केवल चुनावी प्रक्रिया को साफ करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी अहम है।
क्या है स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन
चुनाव आयोग ने बिहार में “स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन” नामक एक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसमें घर-घर जाकर मतदाताओं की जांच की जा रही है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल भारतीय नागरिक ही मतदाता सूची में शामिल हों। अब तक इस अभियान में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के कई अवैध नागरिकों की पहचान की गई है, जो फर्जी दस्तावेजों के सहारे वोटर लिस्ट में शामिल हो गए थे।
क्यों बिहार में शुरू हुआ यह अभियान
बिहार में 2025 के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं, और चुनाव आयोग ने यहां पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह अभियान शुरू किया है। इसके बाद यह पूरे देश में लागू किया जाएगा, खासकर पश्चिम बंगाल, असम, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में, जहां अवैध घुसपैठ की समस्या गंभीर है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने इस अभियान को मंजूरी देते हुए कहा कि “यह प्रक्रिया न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश में होनी चाहिए।” हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन लोगों के पास वैध दस्तावेज (आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड) हैं, उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए क्यों जरूरी है यह अभियान
- अवैध घुसपैठ का खतरा: बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार से आए अवैध नागरिकों का भारत में बसना देश की जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) को बदल रहा है।
- सीमावर्ती इलाकों में बदलाव: बिहार के किशनगंज, पूर्णिया और असम के कुछ हिस्सों में अवैध नागरिकों की संख्या बढ़ रही है, जिससे सुरक्षा चुनौतियां पैदा हो रही हैं।
- चुनावी धांधली रोकना: फर्जी वोटरों की वजह से चुनावी प्रक्रिया प्रभावित होती है, जिसे रोकने के लिए यह कदम जरूरी है।
आगे क्या होगा?
- 30 सितंबर तक बिहार की अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी, जिसमें अवैध नागरिकों के नाम हटा दिए जाएंगे।
- इसके बाद यह अभियान अन्य राज्यों में शुरू होगा।
- सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं होंगे, उन्हें देश छोड़ना होगा।
जनसंख्या नियंत्रण और राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में अहम कदम
चुनाव आयोग का यह अभियान भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। अवैध घुसपैठ को रोकने और फर्जी वोटिंग पर अंकुश लगाने के लिए यह एक सराहनीय पहल है।