गाजियाबाद के श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर के कपाट रविवार को चंद्रग्रहण 2025 (Chandra Grahan 2025) की वजह से दोपहर बाद बंद रहेंगे। 7 सितंबर को भारत में दिखने वाला चंद्रग्रहण सूतक काल के साथ आएगा, जिसके चलते मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे और सोमवार सुबह ही खुलेंगे। ग्रहण के दौरान वातावरण को शुद्ध रखने के लिए कुशा का इस्तेमाल होगा, और मंदिर में 12 घंटे का अखंड जाप होगा। शहर के बाकी मंदिर भी सूतक काल में बंद रहेंगे।
चंद्रग्रहण के दौरान गाजियाबाद के श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर के कपाट रहेंगे बंद।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद के प्रसिद्ध श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर में रविवार को चंद्रग्रहण की वजह से दोपहर बाद कपाट बंद रहेंगे। मंदिर प्रबंधन ने बताया कि 7 सितंबर को होने वाला चंद्रग्रहण भारत में भी दिखाई देगा, जिसके चलते सूतक काल लागू होगा और मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि चंद्रग्रहण 7 सितंबर को रात 9:58 बजे शुरू होगा और रात 1:26 बजे खत्म होगा। चंद्रग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले, यानी दोपहर 12:56 बजे से शुरू हो जाएगा। इस दौरान मंदिर में दोपहर 12 बजे आरती और भोग के बाद कपाट बंद कर दिए जाएंगे। कपाट सोमवार, 8 सितंबर को सुबह आरती के बाद फिर से खुलेंगे।
रविवार शाम को मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। इस दौरान मंदिर के साधु-संत, आचार्य और श्री दूधेश्वर वेद विद्या संस्थान के विद्यार्थी दोपहर 12 बजे से रात 12 बजे तक 12 घंटे का अखंड जाप करेंगे।
ग्रहण में क्या करें, क्या न करें
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि चंद्रग्रहण के दौरान पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए। इस समय केवल अपने इष्टदेव का जाप करना उचित है। इससे इष्टदेव प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रहण के दौरान वातावरण दूषित रहता है, और कुशा के इस्तेमाल से इस दोष को दूर किया जाता है। यही वजह है कि चंद्रग्रहण में कुशा का प्रयोग किया जाता है।
चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद मंदिर की शुद्धि की जाएगी। देवी-देवताओं के वस्त्र बदले जाएंगे, उनकी आरती होगी और भोग लगाया जाएगा। सोमवार सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट भक्तों के लिए फिर से खोल दिए जाएंगे। गाजियाबाद के अन्य मंदिर भी सूतक काल से पहले बंद हो जाएंगे।