अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने हाल ही में लेना कैपविर (Lenacapavir) नामक एक नई दवा को मंजूरी प्रदान की है, जिसे एचआईवी की रोकथाम के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। यह दवा 99.9% प्रभावी है और एचआईवी के संक्रमण को रोकने में सक्षम है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह दवा एचआईवी से पीड़ित लोगों का इलाज नहीं करती, बल्कि उन लोगों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करती है जिन्हें अभी तक यह बीमारी नहीं हुई है।
लेना कैपविर क्या है?
लेना कैपविर एक एंटीरेट्रोवायरल दवा है, जिसे गिलियड साइंसेज द्वारा विकसित किया गया है। यह दवा प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP) के रूप में काम करती है, यानी यह उन लोगों को एचआईवी से बचाती है जो वायरस के संपर्क में आने के उच्च जोखिम में हैं। इस दवा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे हर छह महीने में केवल एक बार इंजेक्शन के रूप में लेना पड़ता है, जबकि अभी तक उपलब्ध PrEP दवाएं (जैसे Truvada) रोजाना गोली के रूप में लेनी पड़ती थीं।

अमेरिका ने HIV की दवा “लेना कैपविर” जो 2 इंजेक्शन में 99.9 परसेंट वायरस को कंट्रोल करे
लेना कैपविर कैसे काम करती है?
यह दवा एचआईवी वायरस के कैप्सिड प्रोटीन को निशाना बनाती है, जो वायरस के जीवन चक्र को बाधित करता है। इससे वायरस शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता और अपनी संख्या नहीं बढ़ा पाता। लेना कैपविर का प्रभाव लंबे समय तक रहता है, इसलिए इसे हर छह महीने में केवल एक बार लेना पर्याप्त होता है।
नैदानिक परीक्षणों के परिणाम
लेना कैपविर की प्रभावकारिता को साबित करने के लिए दो प्रमुख नैदानिक परीक्षण किए गए थे:
1. पर्पस वन (PURPOSE 1) ट्रायल
- इसमें दक्षिण अफ्रीका और युगांडा के 5,300 से अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया गया, जिनमें ज्यादातर 15 से 25 वर्ष की आयु के युवा थे।
- प्रतिभागियों को तीन समूहों में बांटा गया:
- एक समूह को लेना कैपविर का इंजेक्शन (हर छह महीने में)।
- दूसरे को Truvada की दैनिक गोलियां।
- तीसरे को Descovy की दैनिक गोलियां।
- परिणाम:
- लेना कैपविर लेने वाले समूह में एचआईवी संक्रमण की दर 0% रही।
- Truvada लेने वालों में 2% संक्रमण दर देखी गई (39 मामले)।
- Descovy लेने वालों में भी 2% संक्रमण दर थी।
2. पर्पस टू (PURPOSE 2) ट्रायल
- इसमें 3,200 से अधिक प्रतिभागी शामिल थे, जिनमें ट्रांसजेंडर व्यक्ति और उच्च जोखिम वाले समूह शामिल थे।
- परिणाम:
- लेना कैपविर समूह में एचआईवी संक्रमण दर 0% रही।
- Truvada लेने वालों में 1.8% संक्रमण दर देखी गई।
- लेना कैपविर ने 96% तक जोखिम कम कर दिया।
इन परीक्षणों से साबित हुआ कि लेना कैपविर 99.9% प्रभावी है, हालांकि वैज्ञानिक इसे पूर्ण रूप से 100% नहीं कहते क्योंकि कुछ बाहरी कारक (जैसे दवा का अनुपालन न करना) भी प्रभाव डाल सकते हैं।
एचआईवी रोकथाम बनाम इलाज
- रोकथाम: लेना कैपविर उन लोगों के लिए है जो एचआईवी-निगेटिव हैं और इस वायरस से बचाव चाहते हैं।
- इलाज: वर्तमान में एचआईवी का कोई पूर्ण इलाज नहीं है। संक्रमित लोग एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) लेते हैं, जो वायरस को नियंत्रित करती है लेकिन खत्म नहीं करती।
भारत में एचआईवी की स्थिति और लेना कैपविर की उपलब्धता
- भारत में लगभग 24 लाख लोग एचआईवी के साथ जीवन यापन कर रहे हैं (नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन – NACO, 2023)।
- वर्तमान में भारत में Truvada और Descovy जैसी PrEP दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन इनका उपयोग सीमित है।
- लेना कैपविर अभी भारत में उपलब्ध नहीं है, क्योंकि इसे भारतीय दवा नियामक से मंजूरी मिलनी बाकी है।
- गिलियड साइंसेज ने 120 निम्न और मध्यम आय वाले देशों (भारत सहित) के लिए जेनेरिक वर्जन तैयार किया है, जिसकी कीमत लगभग ₹8,000 प्रति वर्ष हो सकती है। यह 2026 तक भारत में उपलब्ध हो सकता है।
चुनौतियाँ और साइड इफेक्ट्स
1. उच्च लागत
- अमेरिका में इस दवा की कीमत ₹23-24 लाख प्रति वर्ष है, जो भारत जैसे देशों के लिए बहुत अधिक है।
- जेनेरिक वर्जन की कीमत कम होने की उम्मीद है, लेकिन फिर भी यह सामान्य लोगों के लिए महंगी हो सकती है।
2. साइड इफेक्ट्स
- इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, सूजन या लालिमा (60% मामलों में)।
- सिरदर्द, मतली, थकान जैसे हल्के दुष्प्रभाव।
- यह दवा गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए अभी अनुमोदित नहीं है।
3. अन्य एसटीडी से सुरक्षा नहीं
- यह दवा केवल एचआईवी से बचाती है, अन्य यौन संचारित रोगों (जैसे सिफिलिस, गोनोरिया) से नहीं।
लेना कैपविर एचआईवी रोकथाम के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है, जो हर छह महीने में एक इंजेक्शन के जरिए 99.9% सुरक्षा प्रदान करती है। हालांकि, इसकी उच्च लागत और भारत में उपलब्धता अभी एक चुनौती है। यदि जेनेरिक वर्जन सस्ती कीमत पर उपलब्ध होता है, तो यह दवा एचआईवी महामारी को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकती है। साथ ही, एचआईवी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षित यौन व्यवहार को प्रोत्साहित करने की भी आवश्यकता है।
