हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला 30 जून से 6 जुलाई 2025 तक भारी बारिश, बादल फटने, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की चपेट में रहा। इस दौरान मंडी के थुनाग, गोहर, और करसोग जैसे क्षेत्रों में भारी तबाही हुई। स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (SEOC) के अनुसार, इस अवधि में 14 बादल फटने की घटनाएं, तीन फ्लैश फ्लड और एक बड़ा भूस्खलन दर्ज किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 20 लोगों की मौत हुई और 31 लोग लापता हैं। मंडी में अकेले 17 मौतें दर्ज की गईं, जिनमें 14 बादल फटने, तीन भूस्खलन और तीन सड़क हादसों से हुईं। इसके अलावा, 150 से अधिक घर, 14 पुल, और 106 पशुशालाएं नष्ट हो गईं, जबकि 259 सड़कें बंद हो गईं।
सियाठी गांव में रॉकी की वीरता
इन आपदाओं के बीच, मंडी के धर्मपुर क्षेत्र के सियाठी गांव में एक असाधारण घटना ने लोगों का ध्यान खींचा। 30 जून और 1 जुलाई की रात को, जब गांव के लोग सो रहे थे, नरेंद्र नामक निवासी का कुत्ता रॉकी, जो उनकी दो मंजिला इमारत की दूसरी मंजिल पर सो रहा था, अचानक जोर-जोर से भौंकने और रोने लगा। नरेंद्र ने इंडिया टुडे को बताया कि रॉकी की आवाज सुनकर वह जाग गए और जब ऊपरी मंजिल पर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि दीवार में एक बड़ी दरार थी और पानी रिस रहा था। नरेंद्र ने तुरंत परिवार को जगाया और गांव के अन्य लोगों को भी अलर्ट किया।
इसके बाद, 20 परिवारों के 67 लोग जरूरी सामान लेकर सुरक्षित स्थान की ओर भागे। कुछ ही समय बाद, भयानक भूस्खलन ने सियाठी गांव को मलबे में तब्दील कर दिया। गांव में केवल चार घर बचे, बाकी सब नष्ट हो गए। रॉकी की सतर्कता के कारण इन 67 लोगों की जान बच गई, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उसकी खूब प्रशंसा हो रही है।
राहत और बचाव कार्य
सियाठी गांव के प्रभावित लोग पिछले सात दिनों से त्रियंबला गांव में नैना देवी मंदिर में शरण लिए हुए हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रत्येक प्रभावित परिवार को तत्काल राहत के रूप में ₹1,100 प्रदान किए हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ₹5,000 प्रति परिवार किराए के लिए और ₹50 लाख प्रति विधानसभा क्षेत्र राहत कार्यों के लिए आवंटित किए हैं। भारतीय वायु सेना ने थुनाग क्षेत्र में हेलीकॉप्टर से खाद्य सामग्री और दवाइयां पहुंचाईं, जबकि NDRF, SDRF, सेना, और स्थानीय प्रशासन ने 494 लोगों को बचाया, जिनमें 316 मंडी से थे। ड्रोन और स्निफर डॉग्स की मदद से 31 लापता लोगों की तलाश जारी है।
हिमाचल के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बताया कि सियाठी गांव की महिलाओं और बुजुर्गों में ब्लड प्रेशर और डिप्रेशन की शिकायतें बढ़ रही हैं। आसपास के गांवों के लोग भी प्रभावितों की मदद के लिए आगे आए हैं।
कंगना रनौत का दौरा और विवाद
मंडी की बीजेपी सांसद कंगना रनौत 6 और 7 जुलाई को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचीं। हालांकि, कुछ स्थानीय लोगों ने उन पर “सिर्फ फोटो खिंचवाने” का आरोप लगाया। एक महिला ने कंगना से कहा, “अब सिर्फ फोटो खिंचवाने आई हो क्या? ऐसा थोड़ी होता है कि दो आदमी पकड़ो, फोटो खिंचवाओ और चलते बनो।” इस घटना ने सोशल मीडिया पर चर्चा को और हवा दी।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 8 और 9 जुलाई के लिए मंडी, कांगड़ा, शिमला, सोलन, और सिरमौर सहित कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का “ऑरेंज अलर्ट” जारी किया है। साथ ही, इन क्षेत्रों में मध्यम से निम्न स्तर के फ्लैश फ्लड का खतरा भी बताया गया है। लोगों को नदियों और भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
रॉकी की कहानी मंडी की इस त्रासदी में एक प्रेरणादायक पहलू है। उसकी सतर्कता ने न केवल 67 लोगों की जान बचाई, बल्कि यह भी दिखाया कि आपदा के समय छोटे-छोटे प्राणी भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं। हालांकि, मंडी में स्थिति अभी भी गंभीर है, और सरकार व प्रशासन को राहत और पुनर्वास के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनानी होगी। सवाल यह है कि क्या रॉकी जैसे नायकों की कहानियां हमें आपदा प्रबंधन और सामुदायिक एकजुटता की अहमियत को और गंभीरता से लेने के लिए प्रेरित करेंगी? अपनी राय कमेंट में साझा करें।