42 वर्षीय गायिका और बिग बॉस 13 की प्रतिभागी शेफाली जरीवाला की हालिया मृत्यु ने सभी को झकझोर दिया है। 27 जून को मुंबई में उनके अचानक कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया, जिसके बाद से एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट और इसके संभावित दुष्प्रभावों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
घटना की समयरेखा
- 27 जून सुबह: शेफाली ने पूजा के लिए व्रत रखा (फास्टिंग की स्थिति)
- उसी दिन: उन्होंने एंटी-एजिंग इंजेक्शन लिया
- दोपहर तक: उन्हें तेज असुविधा हुई और वह कोलैप्स हो गईं
- अस्पताल में: अंधेरी स्थित अस्पताल में उन्हें मृत घोषित किया गया
- वर्तमान में: कूपर हॉस्पिटल में ऑटोप्सी और टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट का इंतजार
कार्डियक अरेस्ट बनाम हार्ट अटैक: अंतर
- हार्ट अटैक: धमनियों में ब्लॉकेज के कारण रक्त प्रवाह रुकने से होता है
- कार्डियक अरेस्ट: हृदय की विद्युत गतिविधि में अचानक गड़बड़ी से होता है, जो फिट व्यक्तियों में भी हो सकता है
एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट से जुड़े जोखिम
शेफाली पिछले 5-8 वर्षों से एंटी-एजिंग उपचार ले रही थीं। यह ट्रीटमेंट आमतौर पर निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है:
- हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी
- बोटॉक्स इंजेक्शन
- डर्मल फिलर्स
- आईवी न्यूट्रिशन थेरेपी
संभावित जोखिम:
- हार्ट रिदम में गड़बड़ी
- हार्मोनल असंतुलन
- रक्तचाप में उतार-चढ़ाव
- फास्टिंग की स्थिति में इंजेक्शन लेने से जटिलताएं
भारत में एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट का विनियमन
- ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत नियंत्रित
- केवल योग्य चिकित्सकों द्वारा ही प्रशासित किया जा सकता है
- इसके विज्ञापन पर प्रतिबंध (ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट के तहत)
एपिलेप्सी का संभावित योगदान
शेफाली को 15 वर्षों से एपिलेप्सी थी। इस स्थिति में:
- SUDEP (सडन अनएक्सपेक्टेड डेथ इन एपिलेप्सी) का खतरा
- दौरे के दौरान श्वसन या हृदय गति रुकने की संभावना
विशेषज्ञों की राय
- कुछ डॉक्टर्स फास्टिंग और इंजेक्शन के संयोजन को जोखिमभरा मानते हैं
- अन्य मानते हैं कि एपिलेप्सी से जुड़ी जटिलताएं भी जिम्मेदार हो सकती हैं
- अंतिम निष्कर्ष टॉक्सिकोलॉजी और पैथोलॉजी रिपोर्ट्स के बाद ही संभव
सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए सबक
- किसी भी कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट से पहले चिकित्सकीय सलाह आवश्यक
- फास्टिंग या शारीरिक तनाव की स्थिति में ऐसे उपचारों से बचें
- केवल प्रमाणित क्लीनिक्स और योग्य डॉक्टर्स से ही उपचार लें
नोट: भारत में नई दवाओं (एंटी-एजिंग सहित) को मंजूरी देने वाली प्रमुख संस्था ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) है, जो स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करती है।
यह घटना स्वास्थ्य संबंधी निर्णयों में सतर्कता और जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित करती है। अंतिम रिपोर्ट आने तक किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना समयपूर्व होगा।